आभासी दुनियां का सफ़र बड़ा निराला और जादुईभरा हैं--एक बटन दबाते ही हम इस लोक से उस लोक में पहुँच जाते हैं ..जहाँ सपने बिखरे पड़े हैं ..अरमानो की डोलीयां सजी हैं ..जहाँ हर तरफ प्यार हैं ..आदर हैं ..सम्मान हैं ! जहाँ एक दुसरे से अनजान होते हुए भी परिचित हैं ..सबका दुःख एक हैं सबका सुख एक हैं ..एक ही जगह बैठकर हम सबके साथ होते हैं ...
मुझे यह फेटेंसी दुनियां बहुत पसंद आई ..कुछ अपवाद छोड़ दे तो मुझे यहाँ सभी अच्छे लोग मिले ..जिन्होंने मेरा मार्गदर्शन किया ..मुझे आदर दिया ..सम्मान दिया ..मेरी क़ाबलियत को उभरने का मौका दिया ..मेरी गलतियों को प्यार से समझाया और मुझे आगे बढकर गले लगाया ....
अपने सभी मित्रो का तहेदिल से धन्यवाद करती हूँ ...वो इसी तरह मेरा होंसला बढाए और यु ही मुझ पर प्यार लुटाए ..... धन्यवाद !
मेरी पहली कविता 'वट-वृक्ष' पत्रिका में छपी-- 'इन्तजार' !
और मेरी पांच कविताऐ 'टूटते सितारों की उड़ान 'काव्य -संग्रह में छपी हैं !
मैं मुंबई जैसे विशाल महा नगर के छोटे से शहर वसई में रहती हूँ ---पर मेरा मन पहाडो पर रमता हैं -- मुझे पहाड़ अपनी और बुलाते प्रतीत होते हें --वह जाकर मुझे सुकून मिलता हैं !
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