Sunday, July 22, 2012

तीसरा पहर ....








 जिन्दगी के इस तीसरे पहर में ---
जब मुझे तुमसे प्यार होता है ?

तो महसूस होता है मानो जलजला आ गया हो ?
और मुसलाधार बारिश उसे शांत कर रही हो ?
मेरा स म्पूर्ण व्यक्तित्व मानो निखर गया हो ?
मेरे जीवन का सपना जैसे साकार हो गया हो ....?

जब मेरी गुदाज़  बांहों में तुम्हारा जिस्म  आता हैं 
तो यु लगता है मानो मृग को कस्तूरी का भान  हुआ हो 
और वो कुलांचें भरता हुआ इधर -उधर दौड़ता फिर रहा हो  
मानो कस्तुरी की चाह में कुछ  खोजता फिर रहा हो ..?

जब तेरे जलते हुए होंठ मेरे प्यासे होठों को  छूते है 
जब तेरा  अस्तित्व मेरे समूचे व्यक्तित्व को निगलता है 
तब रगों में दौड़ने वाला रक्त अमृत बन जाता है  
तब मदहोशी का यह अमृत मैं घूंट -घूंट पीती हूँ ..?

तब प्यासी लता बन मै तेरे तने से लिपट जाती हूँ 
और तुम मुझे अपनी बांहों में समेट लेते हो 
तब मेरी अनन्त  की प्यास बुझने लगती है 
और मैं तुम्हारी बांहों में दम तोड़ देती हूँ --

तब मेरा नया जनम होता है 
एक बार फिर से -----
तेरे सहचर्य का सुख भोगने के लिए ---- ?




Tuesday, July 10, 2012

एक 'कील' हूँ मैं ** ?



एक 'कील' हूँ मैं 





असम्भव की गहरी खाई में गिरी हुई ****
एक 'कील' हूँ मैं ***  ?
साधारण ***
जंग लगी ***
खुद से ही टूटी हुई **
थकी ???
 कमजोर !!!

तुम्हारा  तनिक -सा सपर्श ,,,
मुझे जिन्दगी दे सकता हैं प्रिये !









मुझे उठाकर अपने कॉलर पर सजा लो ****
मैं फूल बनकर खिल जाउंगी !
मुझे उठाकर अपने पहलु में सुला लो ****
 मैं प्रेमिका बनकर लिपट जाउंगी !
मुझे उठाकर अपने सीने में छिपा लो ****
मैं याद बनकर छिप जाउंगी !
मुझे उठाकर अपने प्याले में ढाल लो ****
मैं नशा बनकर छा जाउंगी !
मुझे उठाकर अपनी राह का हमसफ़र बना लो ****
 मैं राह के रोड़े हटा कलियाँ बिखरा दूंगी!
मुझे उठाकर सर का ताज बना लो ****
मैं दुनियां को तुम्हारे क़दमों में झुका दूंगी !





मैं तुम्हे सपनों के हिंडोले में बैठकर ,
तीसरी दुनियां की सैर करवाउंगी !
मैं तुम्हारे क़दमों में आँचल बिछा कर, 
तुम्हें कांटो से बचाउंगी !
मैं तुम्हें मन -मंदिर का देवता बनाकर, 
दिनरात तुम्हारी पूजा करुँगी !
मैं तुम्हें अपना सर्वस्त्र देकर, 
अमर -लता की तरह लिपट जाउंगी !
मैं तुम्हारी ख्वाहिश में ही अपना मंका ढूंढ कर ,
तुम्हारे साथ ही बह जाउंगी !











नजर नहीं आती मुझे कोई मंजिल ?
डोल रही हैं मेरी किश्ती भंवर में,
अगर तेरे प्यार का सहारा मिल जाए तो, 
इस 'जंग' लगी 'कील' का जीवन संवर जाए ...


"तुम्हें अपना बनाना मेरे प्यार की इन्तेहाँ होगी ?
तुमसे बिछड़ना मेरे जीवन की नाकामयाबी ??  "