तेरे मेरे बीच एक दिवार है मेरी जान !
तोड़ना चाहां पर वक्ता था सरकता गया !!
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!! आज एक प्यार भरा गीत !!
वह बोला -- "मुझसे प्यार करती हो "
मैने कहा --"हाँ "
वह बोला -- "मुझे छोड़ तो न जाओंगी "
मैने कहा --" न "
वह बोला-- "यह सब मेरेलिए है "
मैने उसकी सपनील आँखों में डूबकर कहा -- "हां "
" यह साँसों की सरगम तुम्हारी है प्रिये !
यह आँखों की चिलमन तुम्हारी है प्रिये !
यह सीने की धड्कन तुम्हारी है प्रिये !
इस दिल की तड़पन तुम्हारी है प्रिये !"
वह विस्मय -सा मुझे देखता रहा --
" तुम भंवर बन मेरे अधरों को चुमों !
तुम काजल बन मेरे नैनो में बसों !
तुम पवन बन मेरे बालो से खेलो !
तुम साया बन मेरे संग -संग चलो !
तुम नशा बन मेरे ख्यालो में घुमो "
वो थोडा सकुचाया ,शरमाया ,मेरे नजदीक आया और बोला --
" क्या तुम हीर बन सकती हो ,
मै राँझा बन जाउंगा !
क्या तुम साकी बन सकती हो ,
मै मयखाना बन जाउंगा !
क्या तुम लहर बन सकती हो ,
मै सागर बन जाउंगा !"
मैने उसका हाथ अपने हाथो में लिया और हंसकर कहा --
" बहुत कठिन है राह गुजर -यारा ;
मगर हम साथ -साथ चलेगे -!
बहुत लम्बा है जीवन का फलसफा ,
मगर हम साथ -साथ चलेगे - !
ता-उम्र न कटे ,न कटे जिन्दगी ,
मगर हम साथ -साथ चलेगे --!
नशे मै चूर हूँ ,तुम्हे भी कोई होश नही ,
दिखाई नही दे रही कोई डगर
मगर हम साथ -साथ चलेंगे --!
इक दिन की मुलाक़ात की गनीमत है 'दर्शी '
किसे है कल की खबर
मगर हम साथ -साथ चलेगे --!
अभी तो जल रहे है चिराग राह में
बहुत दूर है सहर....
मगर हम साथ -साथ चलेगे --!
न होगा चाँद ,न तारे टीमटीमाएगे
मस्या के काले साए न हमारे कदम डगमगाएगे
राह में रोड़े तो अनेक होगे दिलबर
मिलन की घड़ी हो न हो
मगर हम साथ -साथ चलेगे ...!"
यह सीने की धड्कन तुम्हारी है प्रिये !
इस दिल की तड़पन तुम्हारी है प्रिये !"
वह विस्मय -सा मुझे देखता रहा --
" तुम भंवर बन मेरे अधरों को चुमों !
तुम काजल बन मेरे नैनो में बसों !
तुम पवन बन मेरे बालो से खेलो !
तुम साया बन मेरे संग -संग चलो !
तुम नशा बन मेरे ख्यालो में घुमो "
वो थोडा सकुचाया ,शरमाया ,मेरे नजदीक आया और बोला --
" क्या तुम हीर बन सकती हो ,
मै राँझा बन जाउंगा !
क्या तुम साकी बन सकती हो ,
मै मयखाना बन जाउंगा !
क्या तुम लहर बन सकती हो ,
मै सागर बन जाउंगा !"
मैने उसका हाथ अपने हाथो में लिया और हंसकर कहा --
" बहुत कठिन है राह गुजर -यारा ;
मगर हम साथ -साथ चलेगे -!
बहुत लम्बा है जीवन का फलसफा ,
मगर हम साथ -साथ चलेगे - !
ता-उम्र न कटे ,न कटे जिन्दगी ,
मगर हम साथ -साथ चलेगे --!
नशे मै चूर हूँ ,तुम्हे भी कोई होश नही ,
दिखाई नही दे रही कोई डगर
मगर हम साथ -साथ चलेंगे --!
इक दिन की मुलाक़ात की गनीमत है 'दर्शी '
किसे है कल की खबर
मगर हम साथ -साथ चलेगे --!
अभी तो जल रहे है चिराग राह में
बहुत दूर है सहर....
मगर हम साथ -साथ चलेगे --!
न होगा चाँद ,न तारे टीमटीमाएगे
मस्या के काले साए न हमारे कदम डगमगाएगे
राह में रोड़े तो अनेक होगे दिलबर
मिलन की घड़ी हो न हो
मगर हम साथ -साथ चलेगे ...!"
हम हमेशा साथ -साथ चलेगे
8 comments:
बहुत लम्बा है जीवन का फलसफा ,
मगर हम साथ -साथ चलेगे - !... बहुत सुन्दर ख्याल
वाह ...बेहतरीन
बहूत हि सुंदर..
मनभावन गीत...
प्यारा अहसास...:-)
मस्या के काले साए न हमारे कदम डगमगाएगे
राह में रोड़े तो अनेक होगे दिलबर
मिलन की घड़ी हो न हो
मगर हम साथ -साथ चलेगे ...!"
बढ़िया भाव प्रवण गीत है फलसफाये मोहब्बत है (कृपया मस्या को अमावस्या कर लें ,शुक्रिया राम राम भाई का )
कृपया यहाँ भी पधारें -
साधन भी प्रस्तुत कर रहा है बाज़ार जीरो साइज़ हो जाने के .
गत साठ सालों में छ: इंच बढ़ गया है महिलाओं का कटि प्रदेश (waistline),कमर का घेरा
http://veerubhai1947.blogspot.in/
लीवर डेमेज की वजह बन रही है पैरासीटामोल (acetaminophen)की ओवर डोज़
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/
इस साधारण से उपाय को अपनाइए मोटापा घटाइए
न ये चाँद होगा न तारे रहेंगे, मगर हम हमेशा तुम्हारे रहेंगे :-)
बहुत प्यारी रचना, बधाई.
अपने बहुत ही अच्छी तरह से और सयुक्त सब्दो को सजोया है मन पर्फुलित होगया यहाँ आके
http://dineshpareek19.blogspot.in/2012/06/blog-post_04.html
आप मेरे ब्लॉग पर आकर आपने प्रोत्साहित करने के लिए धन्यवाद., आशा करता हूँ की आप आगे भी निरंतर आते रहेंगे
आपका बहुत बहुत धयवाद
दिनेश पारीक
बेहद रूमानी.. बहुत सुन्दर प्रेमगीत.
शुभकामनायें.
शब्दों की तरह ...साथ यूँ ही बना रहे .....सादर
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